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कमलनाथ को मध्य प्रदेश, गहलोत को राजस्थान व भूपेश बघेल बनेगे छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री!

ज्योतिरादित्य सिंधिया व सचिन पायलट बनेगे उप मुख्यमंत्री

सबको मिशन 2019 के लिए एकजूट हो कर जनांकांक्षाओं को साकार करने का मंत्र दिया

नई दिल्ली(प्याउ)। 5 राज्यों के चुनाव परिणाम निकलने के बाद सबकी नजर इस प्रश्न पर है कि कौन बनेगा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ व राजस्थान का मुख्यमंत्री। तेलांगाना में पहले से तय है कि मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ही रहेगे। मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट के प्रमुख बनेगे। परन्तु सबसे मारामारी व अनिश्चितता मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री बनने में कांग्रेसी नेताओं में है। राजस्थान मध्य प्रदेश दोनों प्रदेश में अभी भाजपा की चुनौती खत्म नहीं समझी जा सकती। जिस प्रकार से दोनों राज्यों में कांग्रेस के पास मात्र बहुमत के आसपास का आंकडा है। कांग्रेस सहमी हुई है कि कब भाजपा गोवा व पूर्वोतर की तरह दलबदल कराकर उसकी सरकार में तोडफोड कर सकता है। इसी आशंका को देखते हुए सभी दिग्गज कांग्रेसी भाजपा की इस चुनौती को झेलने के लिए एकजूट रहते दिख रहे है। परन्तु कब भाजपा किस असंतुष्ट की महत्वकांक्षा को हवा देकर अपना कांग्रेस मुक्त अभियान को साकार कर दे। इसी को देख कर बहुत ही सावधानी से अनुभवी व वरिष्ठ नेतृत्व को मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है। कांग्रेसी दावेदारों को समझाया जा रहा है कि 2019 में मोदी सरकार को हराने के बाद वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली में जिम्मेदारी निभानी होगी।
सबकी नजर कांग्रेस आला कमान राहुल गांधी पर लगी हुई है कि वे किनको इन तीन प्रदेश की ताजपोशी करते है। सामान्य स्थिति रहती तो कांग्रेस आलाकमान को ज्यादा मंथन नहीं करना पडता। परन्तु यहां पर सवाल केवल इन तीन राज्यों का न होकर आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव की सबसे बडी चुनौती सामने रख कर कांग्रेस आला नेतृत्व को तीन राज्यों में ताजपोशी करनी होगी। ऐसा मजबूत व अनुभवी नेतृत्व को कमान सोंपना होगी जो इन तीन महत्वपूर्ण राज्यों में जनांकांक्षाओं को साकार कर एक सुशासन स्थापित करके देश में एक संदेश दे कर 2019 के चुनाव के लिए लोगों का टूटा विश्वास पुन्न अर्जित कर सके।
इस दृष्टि से साफ है कि कांग्रेस नेतृत्व के पास मध्य प्रदेश में वरिष्ठ व अनुभवी नेता कमलनाथ को मध्य प्रदेश व गहलोत को राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी करनी पडेगी। वहीं यहां से कांग्रेस अध्यक्ष के पंसीदा स्वाभाविक उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया व सचिन पायलट को 2019 के लोकसभा चुनाव तक के लिए इंतजार करने को कहा जा सकता है। तब तक सबको मिल कर 2019 के लोकसभा चुनाव जीतने की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इन दोनों नोजवानों को उप मुख्यमंत्री का महत्वपूर्ण दायित्व भी सोंपा जा सकता है।
वहीं छत्तीसगढ में कांग्रेस का परंपरागत वरिष्ठ नेतृत्व 2013 में दरभा घाटी में हुए नक्सली हमले में  सफाया हो गया था। इसके बाबजूद वर्तमान में
मुख्यमंत्री के सबसे प्रबल दावेदार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल का आता है। जिनकी ताजपोशी तय मानी जा रही है। हालांकि अन्य दावेदारों में टीएस सिंह देव, ताम्रध्वज साहू और  चरणदास महंत भी दावेदार है। परन्तु लोकसभा चुनाव के लिए सबको मिल कर काम करके कांग्रेस का परचम लहराने के मिशन पर लगा दिया है।
आज 12 दिसम्बर को राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ में तस्वीर साफ हो जायेगी। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के लिए ए के एंथोनी व मलिकार्जुन खरगे को छत्तीसगढ का पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।

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