खेल दुनिया

दिल्ली की आबादी से चार गुना छोटे देश क्रोएशिया ने उप विजेता बन कर लहराया विश्व में अपना परचम

विश्व कप फुटबाल का सिरमौर बना फ्रांस, हार कर भी क्रोएशिया ने विश्व में लहराया अपना परचम

दिल्ली की आबादी से चार गुना छोटे देश क्रोएशिया ने उप विजेता बन कर लहराया विश्व में अपना परचम ! क्रोएशिया से प्रेरणा ले भारत

देवसिंह रावत
( प्यारा उत्तराखण्ड डाट काम ) भले ही 2018 का विश्व फुटबाल प्रतियोगिता के फाइनल मेचे मेें फ्रांस ने क्रोषिया को 4-2 से पराजित कर विश्व कप का विजेता फ्रांस बना हो। परन्तु विश्व की जनसंख्या का 0.05 प्रतिषत का प्रतिनिधत्व करने वाले क्रोएशिया ने उप विजेता रह कर पूरे विष्व के फुटबाल प्रेमियों का दिल जीत लिया है। वहीं विश्व की जनसंख्या का 17.5 प्रतिशत भाग का प्रतिनिधित्व करने वाला भारत इस प्रतियोेगिता में भाग लेने योग्य देशों की प्रतियोगिता में भी सुमार नहीं हुआ।
1991 में अपने वर्तमान स्वरूप में आये क्रोएशिया की वर्तमाने जनसंख्या मात्र 41,63783 है, वहीं भारत की वर्तमान जनसंख्या 135 45 37 395 यानी 135 करोड़ के आसपास है। इस तरह देखा जाय तो क्रोएशिया भारत की राजधानी दिल्ली (1.90 करोड़) से चार गुना कम है। संसार के श्रेष्ठ 32 टीमों में दूसरे नम्बर की टीम बन कर क्रोएशिया ने अपना परचम लहरा दिया। 14 जून से 15 जुलाई 2018 के बीच खेली गयी इस प्रतियोगिता में 64 मेच खेले गये। इसमें 169 गोल हुए। इंग्लैंड के हेरी केन ने सबसे ज्यादा 6 गोल किये। इस प्रतियोगिता में 2 गोल करने वाले क्रोएशिया के लुका मोडरिक को सर्वश्रेष्ठ खिलाडी का सम्मान दिया गया। वहीं बेलजियम के गोल कीपर थिबौट को सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का सम्मान दिया गया। वहीं स्पेन की टीम को साफ सुथरा फुटबाल खेलने के लिए सम्मानित किया गया। फ्रांस के युवा खिलाडी कलियान मेबप्पर को सर्वश्रेष्ठ युवा खिलाडी का सम्मान दिया गया।
फ्रांस ने 15 जुलाई की रात को मॉस्को के लुजिन्हकी स्टेडियम पर खेले गये फाइनल मुकाबले में क्रोएशिया को 4-2 से रौंदते हुए फीफा विश्व कप 2018 का खिताब जीत लिया। 20 साल बाद दूसरी बार फुटबाल का सरताज बने फ्रांस की इस जीत से पूरा फ्रांस जीत के जश्न में डूब गया। सडकों पर लाखों फ्रांसीसी देश का झण्डा फहराते हुए मदमस्त हो कर जश्न मनाने लगे।
भारी वर्षा में सम्पन्न हुए सम्मान समारोह में रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी इस आयोजन को सफलता पूर्वक आयोजित करने पर गदगद से दिखे।
इस प्रतियोगिता में 2014 के विश्व प्रतियोगिता से करोड ज्यादा ईनाम दिये गये।
फीफा में कुल इनामी राशि 400 मिलियन (2700 करोड़ से ज्यादा) थी।
1 प्रथम स्थान पर रहे . फ्रांस को 38 मिलियन डॉलर (करीब 260 करोड़ रुपये),
2. दूसरे स्थान पर रहे क्रोएशिया को 28 मिलियन डॉलर (लगभग 191 करोड़ रुपये) मिले।
3. तीसरे स्थान पर रहे बेल्जियम को फीफा 24 मिलियन डॉलर यानी करीब 164 करोड़ रुपये
4. चौथे स्थान पर रहे इंग्लैंड को 2.2 करोड़ डॉलर (148 करोड़ रुपए) मिले।
क्वाटर फाइनल तक पंहुचने वाली टीम को -1.6 करोड़ डॉलर
प्री-क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली टीमों को 1.2 करोड़ डॉलर
ग्रुप चरण से बाहर होने वाली 16 टीमों को 80-80 लाख डॉलर (54 करोड़ रुपये) की इनामी राशि प्रदान की गयी।
फ्रांस ने फुटबॉल इतिहास में दूसरी बार विश्व कप का खिताब जीता। इससे पहले वह 1998 में चैंपियन बना था। अब तक 5 बार फुटबाल का सरताज ब्राजील रहा । दूसरे नम्बर पर 4 बार सरताज रहे जर्मनी इस बार अंतिंम 4 टीमों में भी स्थान नहीं बना पाया। इसके अलावा इटली (4), अर्जेंटीना (2) और उरुग्वे (2) फुटबाल के विश्व विजेता रहे।
गौरतलब है कि विश्व में सबसे अधिक देशो व सबसे अधिक लोेगों द्वारा खेले जाने वाला सबसे लोकप्रिय फुटबाल के इस सबसे बडी प्रतियोगिता का शुभारंभ 1904 में 8 देशो (बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन और स्विट्जरलैंड) द्वारा खेली गयी यह विश्व फुटबाल के सदस्य देशों की संख्या 211 हो गयी। 2018 में रूस में खेले गये विश्व कप फुटबाल में 32 टीमों को खेलने का मौका मिला। विश्व के 2011 सदस्य देषों में इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए चयनित होने के लिए सदस्य देशों को प्रत्येक छह क्षेत्रीय संघों में से एक के सदस्य बनाया गया है। इसमें अफ्रीका, एशिया, यूरोप, उत्तरी और मध्य अमेरिका और कैरीबियाई, ओशिनिया और दक्षिण अमेरिका। इन वर्गों में आपसी प्रतियोगिता में तय मानको के आधार पर सफल देशो को ही विश्व कप खेलने के लिए योग्य माना जाता है।
रूस में विश्व कप फुटबाल में 32 देशो की टीमों ने भाग लिया। सम्मलित होने वाले देशो में यूरोप से मेजबानी रूस, बेल्जियम, जर्मनी, इंग्लैंड, स्पेन, पोलैंड, आइसलैंड, सर्बिया, फ्रांस, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, क्रोएशिया, स्वीडन, डेनमार्क। एशिया से ईरान, दक्षिण कोरिया, जापान, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया।अफ्रीका से नाइजीरिया, मिस्र, सेनेगल, ट्यूनीशिया, मोरक्को।उत्तरी अमेरिका से मेक्सिको, कोस्टा रिका, पनामा। दक्षिण अमेरिका ब्राजील, उरुग्वे, अर्जेंटीना, कोलंबिया, पेरू। वहीं ओशिआनिया देशो से कोई भी देश इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाली मानको को छू भी नहीं पाया गया। इस प्रकार भारत इस प्रतियोगिता तो जीतना तो रहा दूर इस प्रतियोगिता में खेलने की योग्यता भी नहीं रख पाया।

About the author

pyarauttarakhand5