उत्तराखंड

राजधानी गैरसैंण निर्माण के लिए 13 जनवरी को संकल्प गोष्ठी में सम्मलित होगे प्रमुख आंदोलनकारी

गैरसैंण राजधानी बनाने के लिए संघर्ष की रजत जयंती पर संसद के समीप प्रेस क्लब  

नई दिल्ली(प्याउ)। इसी सप्ताह 13 जनवरी को दिल्ली में  उत्तराखण्ड राज्य गठन जनांदोलन की तर्ज पर राजधानी गैरसैंण को जनांदोलन बनाने के लिए प्रमुख आंदोलनकारी एकजूट हो रहे है। यह संयोग भी है कि राजधानी गैरसैंण को घोषित करने की 25वीं साल की पूर्व संध्या पर  संसद के समीप भारतीय संसद के समीप देश के सबसे प्रतिष्ठित  प्रेस क्लब में दोपहर 3 बजे राजधानी गैरसैंण निर्माण करने का संकल्प लेगे।
राजधानी गैरसैंण निर्माण अभियान से जुडे वरिष्ठ आंदोलनकारी देवसिंह रावत ने बताया कि 25 साल पहले उत्तराखंड क्रांति दल द्वारा 14 जनवरी 1992 को बागेश्वर के उत्तरायणी मेला में जारी उत्तराखंड राज्य व इसकी राजधानी गैरसैंण(चन्द्रनगर) का ऐलान किया था।

यह भी संयोग ही है कि दिल्ली में राजधानी गैरसैंण निर्माण के लिए दिल्ली में 13 जनवरी को आहुत संकल्प गोष्ठी में भी 14 जनवरी 1992 को बागेश्वर में राजधानी गैरसैंण का संकल्प लेने वालों में प्रमुख रहे उक्रांद के शीर्ष नेता काशीसिंह ऐरी भी एक होंगे।  इस संकल्प गोष्ठी में सम्मलित होने वालों में गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान को मजबूत दिशा देने वाले  राजधानी गैरसैंण निर्माण अभियान देहरादून के रघुवीर बिष्ट, रवीन्द्र जुगरान, प्रदीप सत्ती, मोहन भुलानी, पुरूषोत्तम भट्ट, श्री सकलानी, श्री धौलाखण्डी, श्री जोशी व साथी,  पूर्व सैनिक संगठनों के संमन्वयक रहे पीसी थपलियाल, रूद्र प्रयाग में गैरसैंण आंदोलन संचालित करने वाले मोहित डिमरीपौड़ी में आंदोलन की अलख जगाने वाले मनीष सुन्दरियाल सहित अन्य प्रमुख आंदोलनकारी हैं।  
राजधानी गैरसैंण अभियान से जुडे वरिष्ठ पत्रकार अवतार नेगी ने बताया कि दिल्ली के प्रेस क्लब में आयोजित होने वाले इस संकल्प गोष्ठी में भाग लेने वाले वरिष्ठ आंदोलनकारियों में भाकपा के समर भण्डारी, परिवर्तन पार्टी  प्रभात ध्यानी , महिला मंच की प्रमुख कमला पंत, उत्तराखण्ड के लिए समर्पित पूर्व प्रशासनिक अधिकारी सुरेन्द्र सिंह पांगती सहित अनैक आंदोलनकारी इस संकल्प में सम्मलित होगे।
इस अभियान को सफल बनाने में जुटे वरिष्ठ समाजसेवी अनिल पंत, पत्रकार अमर चंद, खुशहाल सिंह बिष्ट, मनोज आर्य, रोशनी चमोली, गणेश चंद्रा व पदम सिंह बिष्ट सहित तमाम सामाजिक संगठन इसको सफल बनाने में जुटे है। दिल्ली में पिण्डर विकास समिति के संरक्षक भवान सिंह भण्डारी ने सभी सामाजिक संगठनों से अनुरोध किया कि वे इस संकल्प गोष्ठी में भाग लेने का आवाहन किया है।

उल्लेखनीय  है कि उत्तराखण्ड राज्य गठन के 17 साल बाद भी उत्तराखण्ड की सरकारें , राज्य गठन जनांदोलन से पहले जनता व पूर्व उप्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड की भावी राजधानी के रूप में चयनित गैरसैंण को घोषित नहीं किया गया।  यह जनांकांक्षाओं, शहीदों की शहादत, राज्य की लोकशाही के साथ साथ चहंुमुखी विकास व देश की सुरक्षा का गला घोंटने के समान कृत्य है। इस कारण देश के इस सीमान्त प्रदेश उत्तराखण्ड के उन सभी पर्वतीय  जनपदों का विकास अवरूद्ध हो गया है। वह उत्तराखण्ड जिसने अपने विकास व सम्मान की रक्षा के लिए  सरकारों के तमाम दमन सह कर भी उत्तराखण्ड राज्य का गठन के लिए दशकों का लम्बा सफल संघर्ष किया, अनैक बलिदान दिये। वह उत्तराखण्ड, गैरसैंण के बजाय देहरादून से बलात राज चलाने के कारण शिक्षा, रोजगार, शासन की उपेक्षा से पलायन के दंश से उजड़ रहा है।
 उत्तराखण्ड की जनता अब शहीदों की शहादत व राज्य गठन के लिए समर्पित लाखों आंदोलनकारियों के संघर्ष को व्यर्थ न जाने देने के लिए हर हाल में राजधानी गैरसैंण बनाने के लिए राज्य गठन आंदोलन की तर्ज पर निर्णायक आंदोलन चला रही है। गैरसैंण राजधानी के निर्माण के लिए राज्य के लिए समर्पित आंदोलनकारियों के साथ सर्वदलीय संकल्प गोश्ठी का आयोजन किया गया है।

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