उत्तराखंड

उत्तराखण्ड के विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त प्राथमिक शिक्षकों को भी उत्तर प्रदेश की तर्ज पर मान्यता/छूट मिलने के आसार

उत्तराखण्ड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने उठाया केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावेडकर से 14000 विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों की मान्यता का मामला

नई दिल्ली:(प्याउ)। उत्तराखण्ड के वित्त मंत्री प्रकाश पन्त ने 13 दिसम्बर को नई दिल्ली में केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री  प्रकाश जावडेकर से मुलाकात की और राज्य में शिक्षा सुविधाओं के विकास हेतु संचालित योजनाओं की अवशेष धनराशि को अवमुक्त करने का अनुरोध किया। उत्तराखण्ड के मंत्री द्वारा केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री को बताया गया कि राज्य में 14 हजार से अधिक विशिष्ट बी0टी0सी0 प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक हैं, जिन्हें एन0सी0टी0ई0 की मान्यता न मिलने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें ब्रिज कोर्स हेतु राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की बेबसाईट 15.दिसम्बर.17 के उपरान्त बंद कर दी जायेगी, जबकि अधिकांश शिक्षकों द्वारा उक्त कोर्स हेतु आवेदन नहीं किया जा सका है। चूंकि राज्य गठन होने के उपरान्त भी पूर्ववर्ती राज्य में लागू प्राविधानों के अनुसार ही उत्तराखण्ड में भी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाता रहा है। अतः पूर्ववर्ती राज्य उत्तर प्रदेश में एन0सी0टी0ई0 द्वारा प्रदान की गई मान्यता के अनुरूप ही उत्तराखण्ड राज्य के लिए भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
केन्द्रीय मंत्री जी ने एन0सी0टी0ई0 के अधिकारियों को बुलाकर उन्हें निर्देश दिये कि जिस प्रकार से प्राथमिक शिक्षकों को उत्तर प्रदेश में मान्यता/छूट दी गई है, उसी तर्ज पर उत्तराखण्ड को भी मान्यता/छूट देने हेतु कार्यवाही की जाय।
इसके अतिरिक्त उत्तराखण्ड के वित्त मंत्री  ने केन्द्रीय को राज्य में शिक्षा के विकास हेतु चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखण्ड राज्य में सर्वशिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, मिड-डे मील, सेन्ट्रली स्पाॅन्सर्ड स्कीम आॅफ टीचर एजुकेशन के लिए कुल स्वीकृत धनराशि 2016-2017 की 41065.21 लाख व 2017-18 के लिए 65172.60 लाख रुपये में से अवशेष धनराशि 102548.63 लाख अभी तक अवमुक्त नहीं हुई है। वित्त मंत्री द्वारा केन्द्रीय मंत्री से अवशेष धनराशि शीघ्र अवमुक्त करने का अनुरोध किया गया।
केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री से प्रकाश पन्त की मुलाकात/भेंटवार्ता सकारात्मक रही तथा उनके द्वारा अवगत कराये गये समस्त बिन्दुओं पर यथाशीघ्र कार्यवाही कराने का भरोसा दिलाया।

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