उत्तराखंड

अधिकारियों के नहीं, समर्पित भागीरथों के मार्गदर्शन से ही साकार होगा शहीदों के सपनों का उत्तराखण्ड

 

उच्च अधिकारियों से कहीं अधिक मूल्यवान होता सुन्दरलाल, शमशेर, कमला, पाठक, पांगती व नेगी आदि भागीरथों का मार्गदर्शन

05 नवम्बर 2017 को ‘रैबार’ कार्यक्रम में ऐसे बनेगा नया उत्तराखण्ड’’ उत्तराखण्ड मूल के विशिष्टों ने लिया भाग

देहरादून(प्याउ)। उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस सप्ताह के भव्य आयोजन करते हुए उत्तराखण्ड सरकार ने 5 नवम्बर को देहरादून में देश के अतिविशिष्ट पदों पर आसीन लोगों को ऐसे बनेगा नया उत्तराखण्ड  नाम से रैबार कार्यक्रम में भाग लिया।  मुख्यमंत्री आवास में रविवार 5 नवम्बर को आयोजित रैबार कार्यक्रम के समापन सत्र में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, थल सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, एन.टी.आर.ओ के चेयरमैन आलोक जोशी, प्रधानमंत्री के सचिव  भाष्कर खुल्बे, प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी और आचार्य बालकृष्ण ने प्रतिभाग किया।
देश के सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन का प्रमुख कारण है। उन्होने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ उत्तराखण्ड को अपनी संस्कृति भी बचा कर रखनी होगी। स्कूली शिक्षा के साथ साथ उच्च शिक्षा के केन्द्र भी पहाड़ो में खोले जाए। कई ऐसे इलाके जो अभी तक पर्यटकों के लिए अनजान थे उन्हें भी खोलने पर विचार किया जाए। ट्रेकिंग और माउन्टेन बाईकिंग जैसे क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए।
प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी ने कहा कि पहाड़ की महिलाओं में संघर्ष की क्षमता है। प्रकृति संघर्ष और जीवटता सिखाती है परन्तु चालाकी नहीं। पहाड़ो का जीवन चुनौतियां सिखाता है, लेकिन छल नहीं। उन्होने सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि पर्यटन एवं पर्यावरण के मध्य संतुलन होना चाहिए। उत्तराखण्ड के लोगों की रचनात्मकता को देखते हुए यहां पर मीडिया एवं क्रियेटिव आर्टस का एक संस्थान खोलना चाहिए। उन्होने ब्रांड उत्तराखण्ड विकसित करने की बात कही।
उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने रैबार में प्राप्त सुझावों का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार सकारात्मक रूप से इन सुझावों पर काम करेगी। उन्होने महिलाओं के स्वंय सहायता समूहों द्वारा किये जा रहे कार्यो की सराहना करते हुए ऐसे समूहों को प्रोत्साहित किए जाने पर बल दिया। उन्होने प्रधानमंत्री के सचिव द्वारा विजन 2020 विकसित करने के सुझाव का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड के अधिकारियों ने बहुत से क्षेत्रों को चिन्ह्ति कर लिया है और शीघ्र ही एक रोड मैप बनाया जायेगा।

एनटीआरओ के प्रमुख श्री आलोक जोशी ने कहा कि आज हिन्दुस्तान में 05 लाख साईबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों की जरूरत है। उत्तराखण्ड में उपलब्ध संसाधनों में हल्के-फुल्के बदलाव के साथ साईबर सिक्योरिटी प्रशिक्षण के रूप में एक बड़े क्षेत्र में रोजगार सृजित किया जा सकता है। उन्होने कहा कि एनटीआरओ और उत्तराखण्ड सरकार मिलकर तीन माह के अन्दर साईबर सिक्योरिटी ट्रेनिंग के लिए एक केन्द्र खोलने जा रहे है जिसमें प्रथम चरण में 25 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होने द्रोन एप्लीकेशनों के लिए भी देहरादून में सेन्टर खोलने की बात कही।
रैवार कार्यक्रम सरकार की यह पहल सराहनीय है। देश के महत्वपूर्ण पदों पर आसीन लोगों का मार्गदर्शन अपनी पितृभूमि के चहुमुखी विकास के लिए नितांत आवश्यक है। इनकी भागीदारी भी होनी चाहिए। परन्’तु प्रदेश के हुक्मरानों को एक बात गांठ बांध लेनी चाहिए कि उत्तराखण्ड कैसे आदर्श उत्तराखण्ड बनेगा, कैसे विकास करेगा, कैसे राज्य गठन की जनांकांक्षाओं व शहीदों के सपनों को साकार करने वाला उत्तराखण्ड बनेगा इसके लिए देश के महत्वपूर्ण पदों में आसीन प्रतिभाओं का मार्गदर्शन के साथ उत्तराखण्ड राज्य गठन व प्रदेश के हितों के लिए दशकों से संघर्ष करने वाले भागीरथों का मार्ग दर्शन की नितांत जरूरत है। वह भी दलगत राजनीति से उपर उठ कर ईमानदारी से पहल करनी चाहिए। प्रदेश सरकार को अपनी मातृ संगठन संघ की इस सीख का तो कम से कम अनुशरण करना चाहिए कि सरकार को जनभावनाओं का आदर करना चाहिए। उसके अनुसार काम करना चाहिए। प्रायः सरकारी तंत्र में आसीन उच्च से उच्च अधिकारियों को जनभावनाओं व जनहितों का उतना भान नही होता है जितना जनहितों के लिए संघर्ष करने वाले भागीरथों को।  मुझे नहीं लगता सरकारी तंत्र में आसीन कोई अधिकारी खुल कर गैरसैंण राजधानी बनाने, मुजफ्फरनगर काण्ड-94 के गुनाहगारों को सजा दिलाने, हिमाचल सहित हिमालयी राज्यों की तरह भू कानून लागू करने, प्रदेश में जनसंख्या पर आधारित विधानसभाई परिसीमन रोकने, भ्रष्टाचारियों की सम्पतियों को जब्त करने, बडे बांधों के निर्माण पर प्रतिबंध लगाने व नशामुक्त उत्तराखण्ड आदि पर मुंह तक खोलने तक का साहस नहीं कर पा सकते। ऐसे में मात्र कंकरीट के जंगल बनाने सड़क या रंगारंग कार्यक्रम करने से नहीं बनेगा आंदोलनकारियों व शहीदों के सपनों का उत्तराखण्ड । जनता की आंखों में देहरादून के पंचतारा भवनों की ऐशगाह से लोकलुभावनी घोषणा करने से कभी साकार नहीं हो सकता है राज्य गठन के लिए संघर्ष करने वाली जनता की जनांकांक्षाओं के सपनों का उत्तराखण्ड। सरकार को दलगत राजनीति से उपर उठ कर कैसे राज्य गठन की जनांकांक्षाओं का उत्तराखण्ड बने इसके लिए शमशेर सिंह बिष्ट, कमला पंत, अवतार रावत, सुरेन्द्र सिंह पांगती, सुन्दरलाल बहुगुणा, शेखर पाठक, पीसी तिवारी नरेन्द्र नेगी, हीरा सिंह राणा, काशी सिंह ऐरी,  इन्द्रेश मैखुरी, दिवाकर भट्ट, चण्डी प्रसाद भट्ट,, प्रदीप टम्टा, देवसिंह रावत, प्रभात ध्यानी, आदि भागीरथों का मार्ग दर्शन सरकार में पदासीन नौकरशाहों से कहीं अधिक मूेल्यवान होगा।
उत्तराखण्ड राज्य स्थापना  पखवाडे के अवसर पर 05 नवम्बर 2017 को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हाॅल में हुए ‘रैबार’ कार्यक्रम में देश के महत्वपूर्ण स्थानों पर आसीन उत्तराखण्ड मूल के वरिष्ट उच्चाधिकारियों को सरकार ने रैबार कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया । इस कार्यक्रम में महत्वपूर्ण हिस्सा होगा ऐसे बनेगा नया उत्तराखण्ड। इसमें मुख्य वक्ता होंगे मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत,  भाष्कर खुल्बे, आलोक जोशी, अनिल धस्माना।
रैबार कार्यक्रम में राज्य स्थापना के समय उत्तराखण्ड की स्थिति, वर्तमान उत्तराखण्ड एवं भविष्य में उत्तराखण्ड के सर्वांगीण विकास के लिए योजनाओं पर भी चर्चा की गयी। इस अवसर पर उत्तराखण्ड की 17 साल की यात्रा के दौरान उपलब्धियों, प्रमुख समस्याओं एवं राज्य को तेजी से विकास के पथ पर लाया जा सके विषयों पर भी प्रतिष्ठित लोगों से सुझाव लिये गये।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत 05 नवम्बर को प्रातः 10 बजे  मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हाॅल में कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। रैबार कार्यक्रम रात्रि 08 बजे तक चार सत्रों में हुआ।
प्रथम विशेष सत्र में ‘‘उत्तराखण्ड के दो अनमोल रत्न-पर्यटन और पर्यावरण’’ विषय पर मुख्य वक्ता वन एवं श्रम मंत्री डाॅ.हरक सिंह रावत, सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर, आईएफएस श्री आलोक अमिताभ डिमरी, पर्यावरणविद डाॅ.अनिल जोशी, पर्वतारोही बछेन्द्रीपाल, यूकोस्ट के डायरेक्टर जनरल डाॅ.राजेन्द्र डोभाल एवं सुश्री अनुकृति गुसांई थी।
दूसरे विशेष सत्र में ‘‘इन्वेस्टमेंट, इंडस्ट्री, इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं इन्फाॅर्मेशन के साथ नया उत्तराखण्ड’’ विषय पर वित्त मंत्री  प्रकाश पंत, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, आचार्य बालकृष्ण,  प्रसून जोशी, प्रमुख सचिव वित्त श्रीमती राधा रतूड़ी, ओएनजीसी के  डी.डी.मिश्रा, इंडिया फाउण्डेशन के डायरेक्टर  शोर्य डोभाल, अमेरिका में अग्रणी भारती उद्यमी मनोज भार्गव, हंस फाउण्डेशन की डायरेक्टर सुश्री श्वेता रावत एवं मुख्यमंत्री के सलाहकार डाॅ.नवीन बलूनी मुख्य वक्ता रहे।
अन्तिम सत्र ‘‘ऐसे बनेगा नया उत्तराखण्ड’’ विषय पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत,  भाष्कर खुल्बे, आलोक जोशी, अनिल धस्माना मुख्य वक्ता थे।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में  मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, व  आनन्द बर्द्धन सहित वरिष्ठ अधिकारी जुटे हुए थे।

 

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