उत्तराखंड दुनिया

बर्मिघम मेें आयोजित अंतर्राष्ट्रीय उद्योग मेले में उत्तराखण्ड के शिल्प की धूम

 
स्थानीय शिल्प और कला को बढ़ावा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया जाएगा-मुख्यमंत्री रावत

देहरादून(प्याउ)। बिट्रेन के बर्मिघम मेें 4 सितम्बर को आयोजित अंतर्राष्ट्रीय उद्योग मेले में उत्तराखण्ड के शिल्प ने लोगों का मन मोह लिया। बर्मिंघम गये 8 शिल्पियों के दल में उत्तरकाशी के चंद्र लाल, नरेश, अल्मोड़ा के बलवंत टम्टा, बागेश्वर के शिव लाल, चमोली के धरमलाल और गुड्डी देवी तथा हरिद्वार के मुकेश और आशु सम्मिलित थे।
उत्तराखंड के 8 शिल्पियों के एक दल ने बर्मिंघम यूनाइटेड किंगडम में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय उद्योग मेले में 04 सितंबर को प्रतिभाग किया । यह दल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट और उत्तराखंड हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट डेवलपमेंट काउंसिल के संयुक्त तत्वाधान में बर्मिंघम में स्थापित भारतीय पवेलियन में सम्मिलित हुआ था।
उत्तराखण्ड की प्रमुख सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि 04 सितंबर को बर्मिंघम में आयोजित इंडस्ट्रियल एक्सपो में गए भारतीय दल में उत्तराखंड के 08 शिल्पी सम्मिलित थे। उत्तराखंड की शिल्पियों ने नेचुरल फाइबर ऊन और कॉपर के सामानों का प्रदर्शन किया।
मुख्य सचिव पंवार के अनुसार एक्सपो में बहुत से व्यापारियों ने उत्तराखण्ड के उत्पादों पर रुचि दिखाई। विशेष रुप से नेचुरल फाइबर और ऊन के स्टॉल्स और शॉल ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। कॉपर के सामानों की प्रशंसा हुई।
बर्मिंघम यूनाइटेड किंगडम में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय उद्योग मेले से भारत लोटने पर शिल्पियों के इस दल ने 8 सितम्बर को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुलाकात करके उनको बर्मिंघम यूनाइटेड किंगडम में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय उद्योग मेले के बारे में विस्तृत से बताया।
देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास में बर्मिंघम इंडस्ट्रियल एक्सपो से लौटे 08 शिल्पियों के दल का मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्वागत करते हुए आशा व्यक्त की की वह अपने अनुभव से उत्तराखंड में और अधिक लोगों को प्रशिक्षित करेंगे।
मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव उद्योग को निर्देशित किया कि जो भी शिल्पी विदेश का अनुभव लेकर लौटे हैं, उनकी आवश्यकताओं को समझने के लिए एक मीटिंग की जाए और फिर सरकारी स्तर से जो भी मदद हो उनको दी जाए। मुख्यमंत्री ने शिल्पियों से कहा कि आधुनिक समय में गुणवत्ता के साथ-साथ डिजाइन और फैशन का भी बहुत महत्व है। उत्तराखण्ड के उत्पादों को फैशन में लाना होगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय शिल्प और कला को बढ़ावा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया जाएगा। सरकार न सिर्फ इसके लिए प्रशिक्षण दे रही है बल्कि विपणन केंद्रों के विकास के लिए भी संकल्पित है।
इस दौरे से उत्तराखण्ड के शिल्पियों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार का अनुभव प्राप्त हुआ और इसके साथ ही उन्हें बाजार की मांग की जानकारी भी मिली। उन्होंने बताया कि यह सभी शिल्पी मास्टर क्राफ्ट मैन है और प्रत्येक शिल्पी 100-100 शिल्पियों को प्रशिक्षित करेगा।

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